वन्दे मातरम्


देशाबाहेर देशप्रेमाचा "उबाळ" आणणारा हा दिवस म्हणजे १५ ऑगस्ट.... कितीही देशाबाहेर राहून झाले तरी, आजचा दिवस फार महत्वाचा. आज छान वाटते, भारतीय असल्याचा अभिमान आज उफाळून बाहेर येतो. ज्याला बघुन मन भरुन येते त्या झेंडयाबद्द्ल थोडी माहीती एथे बघा.

वन्दे मातरम्


सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीम्
रिपुदलवारिणीं मातरम्॥
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्य श्यामलां मातरंम् .
शुभ्र ज्योत्सनाम् पुलकित यामिनीम
फुल्ल कुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्,
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम् .
सुखदां वरदां मातरम् ॥

सप्त कोटि कन्ठ कलकल निनाद कराले
द्विसप्त कोटि भुजैर्ध्रत खरकरवाले
के बोले मा तुमी अबले
बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदलवारिणीम् मातरम् ॥

तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि ह्रदि तुमि मर्म
त्वं हि प्राणाः शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारै प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे ॥

त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदल विहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलां मातरम् ॥

श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम्
धरणीं भरणीं मातरम् ॥

बंगालीत तर अजुन गोड...


বন্দে মাতরম্
সুজলাং সুফলাং মলয়জশীতলাম্
শস্যশ্যামলাং মাতরম্॥

শুভ্রজ্যোত্স্না পুলকিতযামিনীম্
পুল্লকুসুমিত দ্রুমদলশোভিনীম্
সুহাসিনীং সুমধুর ভাষিণীম্
সুখদাং বরদাং মাতরম্॥

কোটি কোটি কণ্ঠ কলকলনিনাদ করালে
কোটি কোটি ভুজৈর্ধৃতখরকরবালে
কে বলে মা তুমি অবলে
বহুবলধারিণীং নমামি তারিণীম্
রিপুদলবারিণীং মাতরম্॥

সুজলাং সুফলাং মলয়জশীতলাম্
শস্যশ্যামলাং মাতরম্॥
শুভ্রজ্যোত্স্না পুলকিতযামিনীম্
পুল্লকুসুমিত দ্রুমদলশোভিনীম্
সুহাসিনীং সুমধুর ভাষিণীম্
সুখদাং বরদাং মাতরম্॥

কোটি কোটি কণ্ঠ কলকলনিনাদ করালে
কোটি কোটি ভুজৈর্ধৃতখরকরবালে
কে বলে মা তুমি অবলে
বহুবলধারিণীং নমামি তারিণীম্
রিপুদলবারিণীং মাতরম্॥

তুমি বিদ্যা তুমি ধর্ম, তুমি হৃদি তুমি মর্ম
ত্বং হি প্রাণ শরীরে
বাহুতে তুমি মা শক্তি
হৃদয়ে তুমি মা ভক্তি
তোমারৈ প্রতিমা গড়ি মন্দিরে মন্দিরে॥

ত্বং হি দুর্গা দশপ্রহরণধারিণী
কমলা কমলদল বিহারিণী
বাণী বিদ্যাদায়িনী ত্বাম্
নমামি কমলাং অমলাং অতুলাম্
সুজলাং সুফলাং মাতরম্॥

শ্যামলাং সরলাং সুস্মিতাং ভূষিতাম্
ধরণীং ভরণীং মাতরম্॥

Vishal Khapre

No comments: